
लखनऊ से आई ताज़ा खबर गन्ना किसानों के चेहरे पर मीठी मुस्कान लेकर आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति लागू कर दी है, जिसमें लघु, अति लघु और महिला गन्ना किसानों को स्पेशल ट्रीटमेंट देने का ऐलान किया गया है।
क्या है गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति 2025-26?
गन्ना विभाग ने इस नीति के तहत चीनी मिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि
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किसानों को समय पर पर्चियां जारी हों
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मिलों को गन्ने की सप्लाई जरूरत के मुताबिक हो
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और किसानों को अपना गन्ना सप्लाई करने में कोई दिक्कत न आए।
असर साफ है: नीति अब केवल “मिल-केंद्रित” नहीं, “किसान-केंद्रित” हो गई है।
लघु और महिला गन्ना किसानों को मिली VIP एंट्री
इस बार सरकार ने छोटे किसानों और महिला कृषकों के लिए स्पेशल पॉलिसी विंडो खोली है:
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81 कुंतल तक सट्टा धारक किसान अब लघु किसान माने जाएंगे।
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इन्हें पेड़ी गन्ने की पर्चियां पहले 1 से 3 पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में मिलेंगी।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए, लघु महिला किसानों को 100% प्राथमिकता दी जाएगी।
अति लघु किसानों के लिए भी राहत की ख़बर
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36 कु. या 4 पर्ची बेसिक मोड वाले किसानों को भी पेड़ी गन्ने की पर्चियों में शत-प्रतिशत प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम सीधे छोटे किसानों को गन्ने की सप्लाई चेन में ताकतवर बनाता है।
नए किसानों के लिए सुनहरा मौका
पहली बार पंजीकृत नवीन कृषकों को भी मौका मिलेगा:

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उन्हें चीनी मिल की औसत सप्लाई या जिले की गन्ना उत्पादकता का 70% तक सट्टा मिलेगा (जो भी अधिक हो)।
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उनके पास यदि पेड़ी या शरदकालीन पौधा है, तो पर्ची 5वें पक्ष में जारी होगी।
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अगर केवल पौधा है, तो 7वें पक्ष में।
मिलों के लिए साफ निर्देश और टेक्नोलॉजी टच
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Co. 15023 प्रजाति के गन्ना क्षेत्रफल वाले किसानों को स्पेशल स्लॉट मिलेगा।
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मैकेनिकल हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहन: आवेदन करने पर फैमिली कैलेंडर सुविधा भी मिलेगी।
पेमेन्ट की पारदर्शिता और समय पर भुगतान पर ज़ोर
गन्ना आयुक्त ने कहा कि:
“सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को समय पर भुगतान मिले और गन्ना आपूर्ति में कोई अड़चन न हो।”
इसके लिए डिजिटल ट्रैकिंग, पर्ची मैनेजमेंट और मिलों की जवाबदेही भी तय की जा रही है।
नीति में कुछ अहम पॉइंट्स एक नजर में:
विशेष सुविधा | पात्रता/लाभ |
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लघु किसान | 81 कु. तक सट्टा धारक |
अति लघु किसान | 36 कु. या 4 पर्ची |
महिला किसान | 100% प्राथमिकता पेड़ी/पौधा गन्ने में |
नई सदस्यता | 70% सट्टा लाभ (औसत/जिला उत्पादकता में से अधिक पर) |
मैकेनिकल हार्वेस्टिंग | फैमिली कैलेंडर की सुविधा |
Co. 15023 प्रजाति | पेड़ी 1-2 पक्ष, पौधा 7-8 पक्ष |
‘मीठे’ फैसले, सीधे किसानों के हक में!
इस नीति ने एक बात तो साफ कर दी है—अब गन्ने की खेती में सिर्फ पसीना नहीं बहेगा, बल्कि सम्मान भी मिलेगा। सरकार का यह कदम न सिर्फ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है, बल्कि छोटे किसानों को सिस्टम में बराबरी का हक दिलाता है।